प्यारे हनुमान बाला का घर है निराला,
यहाँ जिसने भी अलख जगाई,
उसने मन की मुरादे है पाई,
प्यारे हनुमान बाला का घर है निराला,
आस्था के फूलों की जो माला पहनाएंगे,
उनकी राहों के कांटे फूल बन जाएंगे,
भूल के जहान सारा जिसने यहाँ पर,
शुद्ध भावना की ज्योत जलाई,
उसने मन की मुरादे है पाई,
प्यारे हनूमान बाला का घर है निराला,
भयहारी बाला को पुकारते जो मन से,
झोलियाँ वो भर लेते खुशियों के धन से,
सच्चे साफ़ दिल से जिसने भी आकर,
कथा अपनी प्रभु को सुनाई,
उसने मन की मुरादे है पाई,
प्यारे हनूमान बाला का घर है निराला,
जो भी यहाँ भीग जाते भक्ति के रस में,
हो जाते बालाजी तो उनके ही बस में,
लाल लाल सिंदूर की फलों की जिसने,
प्रभु चरणों में भेंट चढ़ाई,
उसने मन की मुरादे है पाई,
प्यारे हनूमान बाला का घर है निराला।
Dear Hanuman Bala’s house is unique,
Whoever lit up here,
He got his heart’s wishes,
Dear Hanuman Bala’s house is unique,
Who will wear the garland of flowers of faith,
The thorns in their path will become flowers,
Forgetting where Sarah who is here,
lit the flame of pure spirit,
He got his heart’s wishes,
Dear Hanuman Bala’s house is unique,
Calling the fearful Bala who with his heart,
They fill their bags with the wealth of happiness,
Whoever comes with a pure heart,
narrated the story to his lord,
He got his heart’s wishes,
Dear Hanuman Bala’s house is unique,
Whosoever gets drenched here in the juice of devotion,
If Balaji would have been in his own bus,
Of the fruits of red red vermilion,
Offering at the feet of the Lord,
He got his heart’s wishes,
The house of beloved Hanuman Bala is unique.