फागुन का मेला जो आया छोड़ चलो सब काम है,
करने वाले श्याम है कराने वाले श्याम है,
होती है गज़ब शता फागण के मेले की,
लाखो की भीड़ मिले नहीं बात अकेले की,
स्वर्ग से सूंदर लगने लगता पावन खाटू धाम है,
करने वाले श्याम है कराने वाले श्याम है,
बच्चे और भुड़े सभी मस्ती में झूमते है,
बाबा की चौखठ को श्रद्धा से चूमते है,
रंग बिरंगी ध्वजा हाथ में जुबा पे श्याम का नाम है,
करने वाले श्याम है कराने वाले श्याम है,
कही भजे मंजीरा ढोल कोई नाचे घूमर गाल,
कोई चिंता फ़िक्र नहीं कोई नाच नाच बे हाल,
मेले की मस्ती सब लुटे करे न कोई आराम है,
करने वाले श्याम है कराने वाले श्याम है,
पारस तो खाट चला बाबा के दर्शन को,
किरपा की दौलत से भर लेगा दामन को,
चोखानी भी करे पौहंच कर बारम बार परनाम है,
करने वाले श्याम है कराने वाले श्याम है,
Leave the fair of Phagun that came, everything is work,
The doer is Shyam, the doer is Shyam,
There is a wonderful century of the fair of Phangan,
Millions of crowds were not met, we talked about it alone.
The holy Khatu Dham seems to be beautiful from heaven.
The doer is Shyam, the doer is Shyam,
Children and children all dance in fun,
Kisses Baba’s door with reverence,
The colorful flag is the name of Shyam on the tongue in the hand,
The doer is Shyam, the doer is Shyam,
Somewhere the manjira dhol, some dance the ghoomar cheek,
No worries, no worries, no dancing, no dancing,
Everyone should loot the fun of the fair, there is no rest,
The doer is Shyam, the doer is Shyam,
Paras went to the bed to see Baba,
Will fill Daman with the wealth of Kirpa,
Even after reaching Chokhani, it is rewarding again and again,
The doer is Shyam, the one who makes Shyam,