नवरात्रि का छठा है यह माँ कात्यायनी रूप।
कलयुग में शक्ति बनी दुर्गा मोक्ष स्वरूप॥
कात्यायन ऋषि पे किया माँ ऐसा उपकार।
पुत्री बनकर आ गयी, शक्ति अनोखी धार॥
देवों की रक्षा करी, लिया तभी अवतार।
बृज मंडल में हो रही आपकी जय जय कार॥
गोपी ग्वाले आराधा था जब जब हुए उदास।
मन की बात सुनाने को आए आपके पास॥
श्री कृष्णा ने भी जपा अम्बे आपका नाम।
दया दृष्टि मुझपर करो बारम्बार प्रणाम॥
नवरात्रों की माँ कृपा करदो माँ।
नवरात्रों की माँ कृपा करदो माँ॥
जय कात्यायनी माँ।
जय जय कात्यायनी माँ ॥
This is the sixth form of Maa Katyayani of Navratri.
Durga became the form of salvation in Kali Yuga.
Mother did such a favor to Katyayan Rishi.
Has come in the form of a daughter, the power is unique.
Protected the deities, took the incarnation only then.
Your Jai Jai car is happening in Brij Mandal.
Gopi the cowherd was Aaradha when he was sad.
Come to you to listen to your mind.
Shri Krishna also chanted Ambe your name.
Have mercy on me and bow down again and again.
Mother of Navratras please mother.
Mother of Navratras please mother
Jai Katyayani mother
Jay Jay Katyayani Mother