श्याम बाबा का दर मिल गया एक बेघर को घर मिल गया,
एक भटके से रही को यु आसरा उम्र भर मिल गया,
जिस ने श्रद्धा से माँगा यहाँ उसको मोह माँगा वर मिल गया,
बेघरों को भी जैसे नया आशियाना चाँद पर मिल गया,
श्याम बाबा का दर मिल गया…..
किसको देखु तुझे देख कर जब तू जाने नजर मिल गया,
श्याम जी की नजर हो गाई बेहुनर को हुनर मिल गया,
श्याम बाबा का दर मिल गया….
मिल ही जाएगी मंजिल हमे तू ही जब हमसफ़र मिल गया,
हो गया तेरा साजिद निहाल तेरे दर से ये सिर मिल गया,
श्याम बाबा का दर मिल गया…
Shyam Baba got the rate, a homeless got a house,
The one who wandered has found hope for a lifetime,
Whoever asked with reverence, here he asked for love and got a boon.
The homeless also found a new home on the moon,
Got Shyam Baba’s rate…..
Seeing whom to see you, when you got to see,
Behunar, who was seen by Shyam ji, got the skill,
Got Shyam Baba’s rate….
We will get the destination only when we have found our companions,
It’s gone, your Sajid Nihal got this head from your rate,
Got Shyam Baba’s rate…