पत्थर की सही मूरत तेरी,
जिसके अंदर ऐसा दिल है,
करुणाका है सागर जिसमे फूलो से भी जो कोमल है,
बरसे जरा सीधी मुझको कान्हा कही लग जाती है,
मैंने देखा ये सँवारे आंखे तेरी भर आती है,
मेरे साथ रहे तू पल पल में,
पत्थर की सही मूरत तेरी,
करुणा भरी नजरे तेरी मुझपे सदा तू रखता है,
मांगे बिना दमान मेरा खुशियों से तू भर देता है,
एहसान बड़े तेरे मुझपर,
पत्थर की सही मूरत तेरी,
मेरे दोष भुला कर तुमने ही मुझको गले से लगाया है,
सोनू कहे तेरे चरणों में संसार का हर सुख पाया है,
रोशन हुआ मेरा जीवन है,
पत्थर की सही मूरत तेरी,
Your true idol of stone,
who has such a heart inside,
Karunaka is the ocean in which the one who is softer than flowers,
If it rains a little straight, I get Kanha somewhere,
I saw these beautiful eyes fill you,
You stay with me moment by moment,
Your true idol of stone,
You always keep your compassionate eyes on me,
You fill my oppression with happiness without asking,
You have great favor on me,
Your true idol of stone,
You have embraced me by forgetting my faults,
Says Sonu, I have found every happiness in the world at your feet.
My life is illuminated,
Your true idol of stone,