पंछी रे पंछी रे
उड़ चल अपने देश ओ रे पंछी रे,
जगत तो है प्रदेश पंछी रे उड़ चल अपने देश,
जग प्रदेश से उड़ना है तुझको.
प्रभु चरणों में जुड़ना है तुझको,.
आया तेरा सन्देश पंछी रे,
ऐ पंछी तेरा देश पराया,
आया वाहसे वही पे ऊजाया,
हे पंछी तेरा देश पराया,
जाए वही यहाँ से तू आया,
आया तेरा आदेश पंछी रे,
उड़ चल अपने देश…..
ऐ पंछी तेरी दर्द कहानी प्रदेश ने तेरी कदर न जानी
बन गया निठुर विदेश पंछी रे.
उड़ चल अपने देश…..
तेरे बिन लागे न मन तेरे बिन जीना भी क्या,
तेरे बिन जीना भी क्या क्या क्या,
स्वरबाबा रसिका पागल
panchhi re panchhi re
Fly away your country o re panchhi re,
The world is the state, the birds, let’s fly to our country,
You have to fly from the world.
You have to join the Lord’s feet.
Your message came bird re,
O bird, your country is alien,
I came to know that there was energy on the same,
O bird, your country is alien,
Go from here you came,
Your order came bird,
Fly away to your country…..
O bird, your pain story, the state has not known your appreciation
Became a bitter foreign bird.
Fly away to your country…..
Without you, what is your mind without you?
What is living without you
Swarababa Rasika Pagal