कन्हैया एक नज़र तुझको को देखता होगा,
मेरे सरकार को किसने सजाया सोचता होगा,
कन्हैया एक नज़र तुझको को देखता होगा,
ज़माने भर के फूलो से कन्हियाँ को लपेटा है,
कलि को घूंड कर कितने गजरो में समेटा है,
सजा शृंगार न पहले न कोई दूसरा होगा,
कन्हैया एक नज़र तुझको को देखता होगा,
सजा कर खुद वो हैरान है के ये तस्वीर किसकी है,
सजाया जिसने भी तुझको तो ये तकदीर उसकी है,
कभी खुश हो रहा होगा ख़ुशी से रो रहा होगा,
कन्हैया एक नज़र तुझको को देखता होगा,
फ़रिश्ते भी तुझे छुप छुप कान्हा देखते होंगे,
तेरी तस्वीर में खुद की झलक वो देखते होंगे,
हर्ष के दिल में जो गुजरी वो तू ही जानता होगा,
कन्हैया एक नज़र तुझको को देखता होगा,
Kanhaiya would have seen you at one glance,
Who would have thought that decorated my government?
Kanhaiya would have seen you at one glance,
The girls have been wrapped with flowers throughout the ages,
How many gajras has he wrapped around the bud?
Punishment will be neither first nor second,
Kanhaiya would have seen you at one glance,
After decorating she herself is surprised that whose picture is this,
Whoever decorated you, this fate belongs to him,
Sometimes you will be happy, you will be crying with happiness,
Kanhaiya would have seen you at one glance,
Even the angels must have seen you hidden and hidden,
He must have seen a glimpse of himself in your picture,
Only you would know what passed in Harsh’s heart.
Kanhaiya would have seen you at one glance,