रघुकुल में सूर्य समान हो तुम हे राम तुम्हारी जय होवे,
असुरों के लिए कृशानु हो तुम हे राम तुम्हारी जय होवे,
गो द्विज महिसुर संतों के हित,
नर तन में प्रगटे त्रिभुवन पति,
नर हो कर भी निर्वाण हो तुम हे राम तुम्हारी जय होवे,
जो शंकर के सबसे सुख हैं,
वे आज हमारे सन्मुख हैं,
हम भक्त और भगवान हो तुम हे राम तुम्हारी जय होवे,
बिन जाने वाद विवाद हुआ,
छमियेगा जो अपराध हुआ,
करुणानिधि कृपा निधान हो तुम हे राम तुम्हारी जय होवे,
हे सीते शक्ति सदा जय हो,
हे लक्ष्मण शेष सदा जय हो,
सर्वोपरि महा महान हो तुम हे राम तुम्हारी जय होवे,
You are like the sun in Raghukul, O Ram, you will be blessed.
You are kind to the Asuras, O Ram, you will be blessed.
Go Dwij Mahisur in the interest of saints,
Tribhuvan husband manifested in male body,
Even though you are male, you are nirvana, O Ram, may you be hailed.
Who is Shankar’s greatest pleasure,
They are before us today,
We are bhakts and God, you oh Ram, hail you,
Without knowing there was a debate,
Shameyye the crime that has been committed,
Karunanidhi’s blessings be upon you, O Ram, may you be blessed.
O Sita Shakti, always hail,
O Lakshman Shesh always be the Glory,
You are paramount, you are great, O Ram, may you be hailed.