इक रात मैं दुखी होके सो गया था रोते रोते,
सपने में श्याम ने आकर कहा मुझको गले लगा कर,
मैं हु न क्यों चिंता करता है मेरे होते क्यों डरता है.
श्याम को मैंने देखा धीरज अपना खोया,
लिपट गया चरणों से फुट फुट कर रोया
मुश्का कर होले होले मेरे आंसू पौंछ के बोले,
मैं हु न क्यों चिंता करता है मेरे होते क्यों डरता है.
श्याम प्रभु ने बोलै मेरी शरण जो आया,
हार नहीं वो सकता तू काहे गबराया,
जिसको मैंने अपनाया उस पर है मेरी छाया,
मैं हु ना क्यों चिंता करता है ….
श्याम की बाते सुन कर भूल गया गम सारे,
ऐसा लगा की मेरा फिर से जन्म हुआ रे,
किया उनकी और इशारा सोनू दिल से ये पुकारा,
तू है ना फ़िक्र मुझको क्या है,
मैं हु न क्यों चिंता करता है…
One night I slept sadly, weeping,
In the dream, Shyam came and said hugging me,
Why do I worry, why am I afraid?
I saw Shyam lost his patience,
cried from feet to feet
With a smile, my tears were wiped off and said,
Why do I worry, why am I afraid?
Shyam Prabhu said that the one who came to my refuge,
He can’t give up, why did you panic,
My shadow is on the one I adopted,
Why do I worry….
After listening to Shyam’s words, I forgot all my sorrow,
It felt like I was born again
He gestured and Sonu called this from the heart,
You are not worried about me,
Why do I worry…