चिट्ठी पढके मुझ दुखिया की म्हारे घर आइये बाबाजी,
लगा हुआ दरबार तुम्हारा दर्श दिखाये बाबाजी,
चम्पा चमेली के फूलों से आसन तेरा लगाया रे,
माखन मिस्र्री का बाबाजी तेरा भोग बनाया रे
तु अभी तलक ना आया रे मेरी खता बताइये बाबाजी
लगा हुआ दरबार तुम्हारा
कद की तेरी बाट देखरी कब दर्शन होवै तेरा
सेवक से क्या गलती होगी खता खोट क्या हें मेरा
तेरा कुछ ना चाला रे बेरा मेरा खोट बताइये बाबाजी -लगा
अरे बाबाजी मैने तुही बतादे अब के यतन बनाऊं मे
भवसागर मे नाव फसी यो कैसे पार लगाऊं मै
तेरा दर्शन कैसे पाउं में सही राह बताइये बाबाजी -लगा
बाबाजी तेरी लीला न्यारी सब जग में प्रकाश तेरा
जीवों में तु रमता बाबा धरती और आकाश तेरा
यो कण कण में है वास तेरा मैने खोल बताइये बाबाजी
लगा हुआ दरबार तुम्हारा दर्श दिखाइये बाबाजी
After reading the letter, come to my house, Babaji.
Babaji, show your vision to the court that is attached,
Champa has set your posture with jasmine flowers,
Babaji Tera Bhog Banana Re of Makhan Misri
You haven’t got divorced yet, tell me my letter, Babaji
your court
Kad ki teri baat dekhri kab darshan ho hai tera
What will be wrong with the servant, what is wrong with me
Tell me your mistake, Babaji – Laga
Hey Babaji, I tell you that I should make efforts for now.
The boat is stuck in the ocean of the ocean, how can I cross it?
Babaji – Laga
Babaji Teri Leela Nyari Sab Jag Mein Prakash Tera
In the living beings, you are the baba, the earth and the sky are yours.
yo every particle is your abode babaji tell me open
Show your vision Babaji