मैंने श्याम को ब्यथा सुने मेरा बन गया श्याम सहाई,
मेरे सिर पे हाथ फिराया मुझे प्रेम से ये समजाया,
मैं हु न तू कैसी फ़िक्र करे अरे पगले तू काहे डरे,
एसा दिन था आया समय ने खूब रुलाया,
कदम कदम पर ठोकर कोई न हाथ बड्या,
मेरी आंखे भर भर आई मेरा बन गया श्याम सहाई,
मेरे सिर पे हाथ फिराया मुझे प्रेम से ये बताया,
मैं हु न तू कैसी फ़िक्र करे अरे पगले तू काहे डरे,
जीवन की बगिया में है फूल ख़ुशी के खिलते,
फूलो की मुस्कान में बाबा मुझको दिखते,
इतनी किरपा बसरे मेरा बनगया श्याम सहाई,
मेरे सिर पे हाथ फिराया मुझे प्रेम से ये समजाया,
मैं हु न तू कैसी फ़िक्र करे अरे पगले तू काहे डरे,
जिसने था दुद्कारा अब वो गले लगाए,
चोखानी ये संवारा क्या क्या खेल रचाये,
मेरे मन में ज्योत जलाई मेरा बन गया श्याम सहाई,
मेरे सिर पे हाथ फिराया मुझे प्रेम से ये समजाया,
मैं हु न तू कैसी फ़िक्र करे अरे पगले तू काहे डरे,
I listened to Shyam’s agony, Shyam Sahai became mine,
I put my hand on my head, I understood this with love,
I am not, how do you worry, oh mad, why are you afraid,
It was a day that time made me cry a lot,
No one stumbles on step by step,
My eyes filled with tears, I became Shyam Sahai,
He put his hand on my head and told me this with love,
I am not, how do you worry, oh mad, why are you afraid,
In the garden of life, flowers bloom with happiness,
Baba would see me in the smile of flowers,
Shyam Sahai became my friend,
I put my hand on my head, I understood this with love,
I am not, how do you worry, oh mad, why are you afraid,
The one who was sad, now he hugs,
Chokhani Yeh Sanwara what a game he made,
The flame lit in my mind has become mine, Shyam Sahai,
He put his hand on my head, I understood this with love,
I am not, how do you worry, oh mad, why are you afraid,