मैं बालक हु साई मेरी माता,
तेरा है मुझसे जन्मो का नाता,
मैं बालक हु साई मेरी माता,
शिरडी नगरिया में जो कोई आये,
साई बाबा उसके दुखड़े मिटाये,
झुकता है हर बंदे का शिरडी में माथा,
मैं बालक हु साई मेरी माता,
शिरडी में साई छोड़ शरीरा,
भक्तों के प्यार में होते है अधीरा,
साई के जैसा न कोई दूसरा नाता,
मैं बालक हु साई मेरी माता,
I am a child Sai my mother,
You have a relation of birth with me,
I am a child Sai my mother,
Whoever comes to Shirdi Nagaria,
Sai Baba remove his sorrows,
The head of every fellow bows down in Shirdi,
I am a child Sai my mother,
Sai left Shirdi in Shirdi,
Devotees are in love with impatience,
There is no other relation like Sai,
I am a child Sai my mother,