यमुना दे पार मेरे श्याम दा डेरा
मैनू वी ले चल नाल वे श्यामा
वेखन नु दो मेरे नैन तरस दे
तेरे मिलन दा चा वे श्यामा
यमुना किनारे…….
चड़ चड़ कोठे ते मैं काग उडावा
आजा वे श्यामा तैनू माखन खवामा
रज रज तेरा दर्शन पावा
चड़ जावे मैनू चा वे श्यामा
यमुना दे पार………
जदो दा मैं तेरे नाल प्यार है पाया
मैं ता अपना आप गवाया
जरा वी तैनू तरस ना आया
कैसा वे तू बेपरवा वे श्यामा
यमुना दे पार………
तेरी मेरी प्रीत पुरानी
फेर वी श्यामा तुने कदर ना जानी
रूल गयी तेरे बिना जिन्दगानी
आके अपना बना वे श्यामा
यमुना दे पार……..
My Shyam’s tent across the Yamuna
Take me with you, my dear
Let my eyes thirst for sight
Tea of meeting you, O Shyama
On the banks of the Yamuna.
Climb up the room and I fly the crow
Aaja Ve Shyama Tainu Makhan Khwama
I get your darshan every day
Chad Jave Mainu Cha Ve Shyama
Across the Yamuna.
When I found my love for you
I lost myself
I didn’t feel sorry for you at all
How careless you are, Shyama
Across the Yamuna.
Your love for me is old
Then again, Shyama, you didn’t appreciate it
Life has been ruled without you
Come and make your own, Shyama
Across the Yamuna.