बजरंगबली ने झूम के जलवा दिखा दिया ।
सोने से जड़ी लंका को एक पल में जला दिया ॥
दुनिया को जो जलाए मुख में उसे दबाए,
कितनी है तुझ में शक्ति कोई समझ ना पाए ।
लड्डू समझ के सूरज को मुख में दबा लिया…सोने से ॥
सीता की खबर लेने तुम उड़ गए थे लंका,
लंका में तुमने जाकर सबका बजाया डंका ।
अभिमानी शीश रावण का तुमने झुका दिया…सोने से ॥
मंगल के दिन तुझको तेरे भक्त सब मनाएं,
घी और सिंदूर लाके तेरे अंग पर लगाए ।
किरपा करी जो “गिरधर” को चरणों से लगा लिया…सोने से ।।
रचना- गिरधर महाराज
Bajrangbali showed the flame of Jhoom.
Lanka studded with gold was burnt in an instant.
Whoever burns the world, press it in the mouth,
No one can understand how much power you have.
By understanding the laddu, the sun was suppressed in the mouth…
You had flown to Lanka to take the news of Sita.
You went to Lanka and played everyone’s dunk.
You bowed the arrogant head of Ravan… by sleeping.
May all your devotees celebrate you on the day of Mars,
Apply ghee and vermilion on your limbs.
Kirpa curry which took “Girdhar” from feet… from gold..
Composition – Girdhar Maharaj