मैनें श्याम से अर्जी लगाई किसी से अब क्यों कहना,
श्याम करता है सुनवाई किसी से अब क्यों कहना,
ज़माना हँसा मुझपे कहा कुछ नहीं तुझसे,
तेरी सुनी सी बहुत बड़ाई,मेरी भी कर सुनवाई,
तुझसे ही आस लगाई किसी से अब क्यों कहना,
मैंने शयम से अर्जी लगाई किसी से अब क्यों कहना,
जहा की ख़ुशी देदे लवो पे हंसी देदे,
जब मोर छड़ी लेहराई हर विपदा दूर हटाई,
अब तुझपे लोह है लगाई किसी से अब क्यों कहना,
मैंने श्याम से अर्जी लगाई किसी से अब क्यों कहना,
मेरी भी झोली बार दी,जब राज तेरे दर आया,
तुझे दिल का हाल सुनाया,तब तूने पकड़ी कलाही,
अब सही न जाए जुदाई किसी से अब क्यों कहना,
मैंने श्याम से अर्जी लगाई किसी से अब क्यों कहना,
I applied to Shyam, why should I tell anyone now?
Why does Shyam listen to anyone now?
The world laughed at me and said nothing to you,
You listened to me a lot, listen to me too,
I only hoped from you, why tell someone now?
I applied shyly why tell anyone now,
Where you give happiness, give laughter on love,
When peacock stick lehrai removed every adversity,
Now you have iron, why say to someone now,
I applied to Shyam, why should I tell anyone now?
Gave me my bag too, when the king came to your door,
Told you the condition of your heart, then you caught Kalahi,
Now it is not right to say separation to anyone now,
I applied to Shyam, why should I tell anyone now?