खाटू आना जाना जब से बढ़ गया,
श्याम प्रेम का मुझपे भी रंग चढ़ गया,
रंग चढ़ गया रंग चढ़ गया श्याम का ,
खाटू आना जाना जब से बढ़ गया,
पहले तो हम साल में इक दो बार मिल पाते थे,
यादो के सहारे ही अपना वक़्त बिताते थे,
दिल में है क्या ये पड़ लेता जब चाहे भुला लेता,
रंग चढ़ गया रंग चढ़ गया श्याम का ,
खाटू आना जाना जब से बढ़ गया,
चिंता सौंप सी श्याम को हम चिंतन में रहते है,
हम दीवाने श्याम के सीना ठोक के कहते है,
जब से बना ये हमसफ़र हम तो हुए है वेफिकर,
रंग चढ़ गया रंग चढ़ गया श्याम का ,
खाटू आना जाना जब से बढ़ गया,
सांवरिया के प्रेम में जबसे हम तो पढ़ गये,
जग के झूठे फरेब से हम तो ऊपर उठ गये,
मोहित कहे हु खुश नसीब हम भी हुए इन के करीब,
रंग चढ़ गया रंग चढ़ गया श्याम का ,
खाटू आना जाना जब से बढ़ गया,
Ever since the coming and going of Khatu has increased,
The color of shyam love got on me too,
The color has gone up, the color has gone up Shyam’s,
Ever since the coming and going of Khatu has increased,
Earlier we used to meet only twice a year,
Used to spend his time only with the help of memories,
Is it in my heart that it would have fallen whenever I wanted to forget it?
The color has gone up, the color has gone up Shyam’s,
Ever since the coming and going of Khatu has increased,
We live in contemplation by handing over worry to Shyam.
We say crazy about Shyam’s chest thok,
Ever since we became our companions, we have become wafikars,
The color has gone up, the color has gone up Shyam’s,
Ever since the coming and going of Khatu has increased,
Since we have read in the love of Saawariya,
We have risen above the false deception of the world,
Mohit says that I am happy luck, we are also close to them,
The color has gone up, the color has gone up Shyam’s,
Ever since the coming and going of Khatu has increased,