हृदय में सदा रहे हरि दर्शन की आस
काजल भगवत प्रेम का,
नयनो मे लूं डार
कंठ मे भक्ति की माला हो,
प्रभु सुमिरन का हार
भक्त कदम वहाँ पर पड़े,
जहाँ प्रभु का द्वार
हृदय में सदा रहे हरि दर्शन की आस
नयनों को बस आस रही,
हरि दर्शन की आस
प्यास लगे जब कंठ को,
प्रभु जल की हो प्यास
हाथों मे जब भी मिले,
प्रभु चरणों के फूल
हाथ करे चरणों की सेवा,
माथे चरणन धूल
हृदय में सदा रहे हरि दर्शन की आस
कानों मे जब भी पड़े,
हो सत्संग का सार ।
प्रीत करूँ प्रभु की भक्ति से,
ये है सच्चा प्यार
हृदय में सदा रहे हरि दर्शन की आस
अधरों पर हर पल धरूं,
प्रभु सुमिरन के बोल ।
जिहवा को पल पल मिले,
हरि अमृत का धोल
हृदय में सदा रहे हरि दर्शन की आस,
हृदय में सदा रहे हरि दर्शन की आस
अनीता गर्ग
Sri Krishna: My refuge
!!Jai Shri Krishna !!
Sri Krishna Govinda Hare Murari,
O Nath Narayan Vasudeva!!!
Kajal Bhagwat of love,
Nayno me lu dar
Let there be a rosary of devotion in your throat.
Lord Sumiran’s Necklace
Devotee feet lying there,
where the door of the lord
The eyes are just waiting,
hope of hari darshan
When the throat feels thirsty,
Lord be thirsty for water
Whenever I meet in hands,
Lord’s Feet Flowers
Hands do the service of the feet,
forehead stepping dust
Whenever it fell in the ears,
This is the essence of satsang.
I love you with the devotion of the Lord,
this is true love
Hold every moment on the balance,
The words of Lord Sumiran.
Jihwa gets a moment,
dhol of hari nectar
Hari speak.