सुना है: एक स्कूल में एक शिक्षक बच्चों को पढ़ा रहा था। और वह कुछ सवाल पूछ रहा था गणित के। फिर उसने एक सवाल दिया बच्चों को, कि एक छोटी-सी बगिया में चहारदीवारी के अन्दर बीस भेडें बंद हैं। उनमें से एक भेड़ छलांग लगाकर बाहर निकल गई, तो भीतर कितनी भेड़ें बचीं? एक बच्चा एकदम हाथ हिलाने लगा। वह बच्चा कभी हाथ नहीं हिलाता था। उसने कहा ‘मेरे घर में भेड़ें हैं, मैं बताता हूं; पीछे एक भी नहीं बचेगी,’सब निकल जायेंगी। पीछे एक भी नहीं बचेगी।’ शिक्षक ने पूछा, ‘मतलब क्या पागल! बीस भेड़ें थीं, सिर्फ एक निकली है’। उसने कहा,’ एक निकली होगी गणित में। भेड़ें सब निकल गयीं, पीछे एक नहीं बचती, मैं जानता हूं।’
भेड़ के पीछे भेड़ चलती है।
यही गणित हमारे यहां लागू होता है। इधर एक निकल जाये, फिर सारा मुल्क उसके पीछे जय-जयकार करता हुआ, जय महात्मा, जय महात्मा! झंडे हिलाता पीछे चलने लगे। कोई नहीं पूछेगा कि यह भेड़ के पीछे क्यों चले जा रहे हो! लेकिन हमें खयाल ही नहीं रहता। हमारे भीतर भी कोई बुद्धि भगवान ने दी है? हम पर भी सोचने की चुनौती है। हमें भी सोचना चाहिए। क्यों चलें पीछे किसी के?
लेकिन पीछे चलने में बड़ी सुविधा है। सोचने में बड़ी तकलीफ होती है। किसी की पूंछ पकड़कर चलने में बड़ी बेफिकरी है। चले जा रहे हैं, पूंछ पकड़े। एक कतार लगी है हजारों साल से। और यही नतीजा हम देख चुके हैं इन कतारों का कि हम फूलन देवी जैसे नासमझों को संसद में अपना नेता चुनकर भेज देते हैं!
Heard: A teacher was teaching children in a school. And he was asking some math questions. Then he gave a question to the children, that in a small garden twenty sheep are kept inside the boundary wall. One of the sheep jumped out, so how many sheep were left inside? A child immediately started waving his hand. That child never waved. He said ‘I have sheep in my house, I tell; Not a single one will be left behind, all will leave. Not even one will be left behind. The teacher asked, ‘What do you mean mad! There were twenty sheep, only one has come out. He said, ‘One must have come out in maths. All the sheep have gone, not one is left behind, I know.’ Sheep follow sheep. The same math applies here. If one leaves here, then the whole country follows him, chanting, Jai Mahatma, Jai Mahatma! Waving the flag, they started walking back. No one will ask why you are going after the sheep! But we don’t care. Has God given any intelligence within us too? We too are challenged to think. We should also think. Why go after someone? But there is great convenience in walking backwards. It hurts a lot to think. There is a lot of carelessness in walking by holding someone’s tail. Going away, holding the tail. There has been a queue for thousands of years. And we have seen the same result of these queues that we send fools like Phoolan Devi to the Parliament by electing them as our leaders!