चूम कर फाँसी के फंदे को,
कह गए अमर वाणी,
इंकलाब जिन्दाबाद की,
लिख गए अमर कहानी,
वतन के वास्ते थी
जिनके लहू में आज़ादी वाली रवानी
उस आज़ादी की खातिर
उन्होंने बलिदानी की ठानी
अमर रहे सदा तुम्हारी गाथा
हे वीर अभिमानी
सदियों दोहराई जाएगी
तुम्हारे बलिदानों की कहानी
हँसते हँसते देश की खातिर
दे गए तुम कुर्बानी
भगत सिंह राजगुरु सुखदेव
तुम्हें सौ सौ बार सलामी
इंकलाब जिन्दाबाद की
लिख गए अमर कहानी
चूम कर फाँसी के फंदे को
कह गए अमर वाणी
By kissing the noose of the gallows,
Said immortal voice,
of revolution zindabad,
written immortal story,
was for the country
In whose blood the sail of freedom
for that freedom
they decided to sacrifice
forever your saga
O brave proud
centuries will repeat
the story of your sacrifices
Laughing for the sake of the country
you have sacrificed
Bhagat Singh Rajguru Sukhdev
salute you a hundred times
of revolution zindabad
written immortal story
kiss the noose
Said immortal voice