प्रीत कर गोविंद से हम, दर्द सहते जाएंगे,
फूल चुनने आए थे हम कांटे ही ले जाएंगे,
तुम ही कहते हो तुम्हारा,
सबके दिल में वास है ,
संग रहते हो हमारे, फिर भी दिल क्यों उदास है,
आंखों में आंसू भरे पर मुस्कुराते जाएंगे,
फूल चुनने आए थे हम…..
थक चुकी नजरें हैं मेरी, एक नजर के वास्ते ,
आखरी दम तक तुझे, हम तो निहारे जाएंगे,
फूल चुनने आये थे हम..
कुछ तकल्लुफ हो तुम्हें तो,
पार मत करना मुझे,
तुमको जो आनंद तो हम, डूबते ही जाएंगे,
फूल चुनने आए थे हम..
Bhajan By :::
(धुन – होश वालों को खबर क्या..)
श्रधेय बलराम भाई उदासी
चकरभाठा, बिलासपुर छ. ग.
By loving Govind, we will bear the pain,
We came to pick flowers, we will take only the thorns,
you say yours
resides in everyone’s heart,
You live with us, yet why is the heart sad,
Eyes full of tears but will smile,
We had come to pick flowers.
I have tired eyes, for one look,
You will be seen till the last breath,
We had come to pick flowers..
If you have some trouble,
don’t cross me
The joy that we give to you, we will go on drowning,
We had come to pick flowers..
Bhajan By :::
(What is the news to those of tune-conscious..)
Respected Balaram Bhai Udasi
Chakarbhatha, Bilaspur