जिसके सिर पे तेरा हाथ हो माँ उसकी किस्मत का फिर तो क्या कहना,
देने वाली तू ही इक मइयां कब से तरसे मेरे ये दो नैना,
जिसके सिर पे तेरा हाथ हो माँ उसकी किस्मत का फिर तो क्या कहना,
तन भी तेरा है मन भी तेरा माँ तेरा तुझपे किया मैंने अर्पण,
चार दिन की जो है ज़िंदगानी है ये जीवन तुम्ही पे समर्पण,
डोर कच्ची है जीवन की मेरी बाह पकड़ लो करो न अब देरी,
जिसके सिर पे तेरा हाथ हो माँ उसकी किस्मत का फिर तो क्या कहना,
देर न कर कही भुज न जाए मेरे हिरदय का दीपक कही माँ,
आस है तुझसे ो मेरी मैया दर्श के बिन भुजे न ये नैना,
दूर न कर तेरे चरणों से माँ,
प्राण रोटे हुए निकले न,
जिसके सिर पे तेरा हाथ हो माँ उसकी किस्मत का फिर तो क्या कहना,
चल कपट माँ कुछ भी न चाहु,
न ही चाहु मैं महलो में रहना,
सिर झुके जो तेरे दर के आगे और इसको झुकने न देना,
पावन हो ना पायेगा जीवन अगर तेरा साथ सुनील संग हो न,
देने वाली तू ही इक मइयां कब से तरसे मेरे ये दो नैना,
जिसके सिर पे तेरा हाथ हो माँ उसकी किस्मत का फिर तो क्या कहना,
Mother who has your hand on her head, what then to say about her fate,
Since when are you the one who gives me these two Nainas,
Mother who has your hand on her head, what then to say about her fate,
The body is also yours, the mind is also your mother, I have offered you to you,
The life that is of four days, this life is surrendered to you,
The door is raw, hold my arm of life, don’t delay now,
Mother who has your hand on her head, what then to say about her fate,
Don’t go anywhere without delay, my heart’s lamp is somewhere mother,
There is hope for you, my love is not my arm without the vision, this Naina,
Do not move away from your feet, mother,
The life did not come out rotten,
Mother who has your hand on her head, what then to say about her fate,
Come on, deceit mother, don’t want anything,
Nor do I want to live in palaces,
bow your head before you and don’t let it bow down,
Life will not be pure if you are with Sunil or not,
Since when are you the one who gives me these two Nainas,
Mother who has your hand on her head, what then to say about her fate,