मेरे गुरुवर जहाँ आ जाये
वहाँ लग जाता भक्तों का तांता
मेरे गुरुवर जहाँ आ जाये
वहा खुशियों का मौसम है आता
गुरु दर्शन की आस मन लेके
गुरु दर्शन को जो भी है आता
मेरे गुरुवर है जब मुस्कुराते
मन में आनंद आनंद छाता
मेरे गुरुवर है जग से निराले
आत्म कल्याण करना सिखाये
वो तो भटके हुए आत्मनो को
शिव पथ का है राही बनाये
विद्यासागर है पुष्प ऐसे
ज्ञान अमृत सदा बरसाये
वो तो सूरज के जैसे चमकते
भक्त मोहित हो जग भुल जाये
where my master comes
There used to be an influx of devotees
where my master comes
it’s the season of happiness
take the hope of guru darshan
Whatever comes to Guru Darshan
my guru is when smiling
joy in mind
my master is unique from the world
teach self care
That’s the lost souls
Shiva is of the path, make a path
Vidyasagar is like a flower
May the nectar of knowledge always rain
she shines like the sun
Devotee be fascinated and forget the world