बनकर अगर सुदामा तू श्याम दर पे आये
तुझको उठा ज़मीं से कान्हा पालक बिठाये
कहीं ये गुरूर तेरा तुझे ख़ाक ना बना दे
दो आंसू गर बहा दे तुझे सांवरा हंसाये
ऐ उड़ते हुए परिंदे पंखो का क्या भरोसा
इसकी रज़ा है जब तक तब तक ये फड़फड़ाये
आज़माया इश्क़ जिसने को श्याम पर फ़िदा है
बिट्टू मेहर को श्याम की क्यों ना तू आज़माये
If you become Sudama, you come at Shyam Dar
Raise you from the ground and make Kanha Palak sit
May this pride of yours not make you a waste
Let me shed two tears and make you smile
O flying birds, what do you believe in the wings?
It’s a matter of time until it flutters
Trying Ishq who has a crush on Shyam
Why don’t you try Bittu Meher as Shyam’s