जब से बाबा के दर पर हम जाने लगे,
हर ख़ुशी मिल गई देखते देखते,
कल तलक एक राह न दिखती थी अब मंजिले मिल गई देखते देखतेम
जब से बाबा के दर पर हम जाने लगे,
क्या बताऊ मैं तुमको कहानी मेरी कितनी बे नूर थी जिंदगानी मेरी
श्याम ने जब से पकड़ा है दामन मेरा जिंदगी सज गई देखते देखते,
सँवारे के कर्म से उदासी मेरी खुशियों में ढल गई देखते देखते,
जब से बाबा के दर पर हम जाने लगे,
मुझसे नजरे मिलाने से कतराते थे कल तलक मेरे कर्मो को जो जाते थे,
वो ही आकर गले से लगाने लगे बेरुखी टल गई देखते देखते,
श्याम की रेहमतो का असर ये हुआ बात बन गई देखते देखते,
जब से बाबा के दर पर हम जाने लगे,
संवारा जो कर्म मुझपे करता नहीं मेरा नामो निशान जग में मिलता नहीं,
श्याम ने शर्मा पे ऐसा एहसान किया हर बला टल गई देखते देखते,
कल तलक हसरते दिल में जो थी दभी फिर से वो पल गई देखते देखते
जब से बाबा के दर पर हम जाने लगे,
Ever since we started going at Baba’s rate,
Seeing every happiness found,
Yesterday there was no way to see a way, now the destination has been found
Ever since we started going at Baba’s rate,
What should I tell you, my story was so much noor thi zindagani meri
Ever since Shyam has caught my hand, my life has been decorated.
Due to the karma of grooming, the sadness got drowned in my happiness.
Ever since we started going at Baba’s rate,
Who used to shy away from making eye contact with me, who used to go to my karma yesterday
He only came and started hugging him, the indifference was averted.
The effect of Shyam’s rehmato became a matter of fact.
Ever since we started going at Baba’s rate,
The karma that does not adorn me, my name is not found in the world,
Shyam did such a favor to Sharma.
What was there in my heart laughing yesterday, again she lost her moment.
Ever since we started going at Baba’s rate,