बता मुझे ओ जहाँ के मालिक,
ये क्या नजारे दिखा रहा है,
तेरे समंदर में क्या कमी थी,
की आदमी को रुला रहा है,
कभी हसाए कभी रुला दे ये खेल कैसा है तू बता दे,
जिसे बनाया था अपने हाथो उसी को अब क्यों मिटा रह है,
बता मुझे ओ जहाँ के मालिक
वो खुद ही गम से भुजा भुजा है तेरा फिर इस में कमाल क्या है,
तेरे इक दीपक की राह में हजारो तू तूफ़ान उठा रहा है ,
तेरे समंदर में क्या कमी थी,
की आदमी को रुला रहा है,
किसी को रोटी न इक वक़्त की किसी को दी दोलते चमक की,
कोई बनाया महलो का राजा कोई हाथो से सिर छुपा रहा है,
बता मुझे जहां के मालिक …
Tell me the owner of where,
What is this view showing?
What was missing in your ocean,
that is making the man cry,
Sometimes you laugh, sometimes you cry, how is this game, tell me,
Why are you now erasing the one you had made with your own hands?
tell me o where the owner
He himself is your arm with sorrow, then what is the wonder in this,
Thousands of storms are raising in the path of your one lamp,
What was missing in your ocean,
that is making the man cry,
No bread was given to anyone for one time,
Somebody is the king of built palaces, someone is hiding his head with his hands,
Tell me where is the owner…