माहरे सिर पे है मैया जी को हाथ कोई तो मारो ताहि कर सी,
जे कोई माहरी मैया जी ने सांचे मन से ध्यावे,
काल कपाल भी मैया जी के भगता से गबरावे,
जे कोई पकड़ो है मैया जी रो हाथ विको तो मैया काई कर सी,
माहरे सिर पे है मैया जी को हाथ कोई तो मारो ताहि कर सी,
जो माँ पे विश्वाश करे वो घुटी तान के सोहे,
पथ न वेस करे कोई बाल न बांको हॉवे,
जानके मन में नहीं है विश्वाश विको तो मैया कोई कर सी,
माहरे सिर पे है मैया जी को हाथ कोई तो मारो ताहि कर सी,
कलयुग माहि ताहियाँ मियां महारी साँची नाम कमाई,
जब जब भीड़ पड़ी भगता पे दौड़ी दौड़ी आई,
या तो घट घट की जाने सारी बात कोई तो माहरो ताहि कर सी
माहरे सिर पे है मैया जी को हाथ कोई तो मारो ताहि कर सी,
Mahre is on head.
Je koi mahari maiya ji meditate with her heart,
The Kaal Kapal also gets angry with the devotion of Maya ji,
If someone is holding my hand, Maya ji is crying, then my mother does not do anything,
Mahre is on head.
He who trusts in his mother, he sleeps with his knees,
No hair should be braided, no hair should be tied
Knowing that I do not have faith in my mind, I can do anything,
Mahre is on head.
kalyug mahi tahiyan mian mahari sanchi name earning,
Whenever the crowd came running on the Bhagta,
Either the whole thing has to be reduced, then someone can tell the story.
Mahre is on head.