सांस है जब तलक,ना रुकेंगे कदम,
चल पड़े हैं तो मंजिल को पा जायेंगे,
जान प्यारी नहीं है वतन से हमें,
मरते मरते सभी को बता जाएंगे,
ऐ वतन..ऐ वतन..ऐ वतन..ऐ वतन..
वो जवानी जो खूँ को जलाती नहीं,
वो वतन के लिए रंग लाती नहीं |
दाग लेकर गुलामी का क्यों हम जियें,
सोच कर रातों को नींद आती नहीं,
सांस है जब तलक,ना रुकेंगे कदम,
चल पड़े हैं तो मंजिल को पा जायेंगे,
जान प्यारी नहीं है वतन से हमें,
मरते मरते सभी को बता जाएंगे,
ऐ वतन..ऐ वतन..ऐ वतन..ऐ वतन..
हमने तय कर लिया,हमने ले ली कसम,
खूँ से अपने सीचेंगे अपना चमन |
जान लेकर हथेली पे हम चल दिए,
बांधकर सर पे निकले हैं हम ये कफ़न |
सांस है जब तलक,ना रुकेंगे कदम,
चल पड़े हैं तो मंजिल को पा जायेंगे,
जान प्यारी नहीं है वतन से हमें,
मरते मरते सभी को बता जाएंगे,
ऐ वतन..ऐ वतन..ऐ वतन..ऐ वतन..
गीतकार – देव कोहली
संगीत – आनंद राज आनंद
फिल्म – ” 23rd मार्च 1931 शहीद ” (2002)
स्वर – हंस राज हंस
When there is breath, the steps will not stop,
If you have left, you will reach the destination,
Life is not dear to us from the country,
Dying will tell everyone,
Ai Watan..Ai Watan..Ai Watan..Ai Watan..
The youth that does not burn blood,
She does not bring color to the country.
Why do we live in slavery with scars?
Can’t sleep at night thinking
When there is breath, the steps will not stop,
If you have left, you will reach the destination,
Life is not dear to us from the country,
Dying will tell everyone,
Ai Watan..Ai Watan..Ai Watan..Ai Watan..
We have decided, we have taken oath,
I will draw my soul with my blood.
We walked on the palm of life,
We have come out on the head by tying this shroud.
When there is breath, the steps will not stop,
If you have left, you will reach the destination.
Life is not dear to us from the country,
Dying will tell everyone,
Ai Watan..Ai Watan..Ai Watan..Ai Watan..
Lyricist – Dev Kohli
Film – “23rd March 1931 Martyr” (2002)
Vocal – Hans Raj Hans