क्या खेल रचाया है,
तूने खाटू नगरी में बैकुंठ वसाया है
कहता जग सारा है वो मोर छड़ी वाला हारे का सहारा है,
क्या प्रेम लुटाया है करमा का खीचड़ दोनों हाथो से खाया है,
दर आये जो सवाली है तूने सब की अर्ज सुनी कोई लौटा न खाली है,
कोई वीर न सानी का घर घर डंका बजता बाबा शीश के दानी का,
तेरी ज्योत नूरानी का अजब करिश्मा है श्याम कुंड के पानी का
नहीं पल की देर करे जो आया शरण तेरी तूने उसकी विपदा हरी,
What is the game made
You have gone back to the city of Khatu.
Says the world is whole, that peacock with stick is the support of the loser,
Has love been spent, has eaten Karma’s pudding with both hands,
Come the rate, which is the question, you have listened to everyone’s request, no one has returned empty,
No heroic nor Sani’s house danka ringing Baba Sheesh’s donor,
Teri Jyot Noorani’s amazing charisma is the water of Shyam Kund
Don’t delay for a moment, the one who came to your refuge, you defeated his calamity,