कुछ दिनों पुर्व सभी साधकों से एक प्रश्न किया था !!
प्रश्न था
आत्मा, जीवात्मा, सूक्षम आत्मा, मुक्तात्मा *
किसे कहते हैं ?
सभी साधकों का प्रयास एंव विचार उत्तम रहें!
उपरोक्त प्रश्न के विषय में हमारे विचार है कि
आत्मा चेतन है। अजर, अमर और अविनाशी है। सदैव, सर्वदा मुक्त, और स्वत्रंत है i
यहीं आत्मा जब जीव के साथ शरीर में प्रवेश करती है तो इसका नाम “जीवात्मा” हो जाता है i
जब यह जीव के शरीर से बाहर आ जाती है तब इसका नाम “”प्रेतात्मा “” हो जाता है i जब क्रिया पूरी हो जाती हैं तब स्थूल शरीर के भीतर से सूक्ष्म शरीर और कारण शरीर(बीज शरीर) बाहर निकलते हैं। तब यह उनके साथ मिल कर ऊपर की उड़ान भरती है उस समय इसका नाम “”सूक्ष्मात्मा” हो जाता है i
*यदि इस आत्मा ने शरीर के भीतर रहते हुए, सभी पुराने कर्मो ( प्रारब्ध) को भोग लिया या समाप्त कर दिया हो ,तब इसका संबंध जीव ( सूक्ष्म शरीर) से समाप्त हो जाता है! तब यह मुक्त आत्मा कहलाती हैं! इस स्थिति को ही मोक्ष कहते हैं !