हम भगवान पर पूर्ण विशवस करे। रामजी और कृष्णजी को हम भगवान कहते है लेकिन पूर्ण रूप से भगवान पर विश्वास नहीं करते। भगवान वह है जिसको आप दिल से मानते है।आप के लिए वही आपका भगवान है भगवान राम के चरणों में हम समर्पित होते है। हमे अपने अंदर यह विस्वास जाग्रित करना होगा की राम ही मेरे भगवान है। मै और किसी को नहीं जानती। मुझे पुजा, अर्चना,विनती और स्तुति करनी है। तो भगवान राम की ही करनी है। मझे भगवान राम का ही नाम लेना है। भगवान राम मेरी पुकार को अवश्य सुनेगे।मै भगवान को ध्या रही हु चिंतन और मनन कर रही हूँ। मेरा भगवान देख रहा है वह दिल की हर बात जानता है एक भक्त का आत्म विश्वास कहता है मेरा परमात्मा मुझमे बैठा है भगवान को यह बताने की भी जरूरत नहीं कि मै क्यों भगवान को ध्या रही हू। भगवान मेरे अन्दर की बात को जानते है। वे मेरे अन्दर विराजमान है। आपके अन्दर जब विस्वास दृढ हो जायेगा। तब आपको अपने भगवान को मन्दिर मूर्ति और माला में ढूढना नहीं पढ़ेगा। आप अपने भगवान के साथ हर समय जुड़े रहेंगे। आपकी कर्म इन्द्रिया और ज्ञान इन्द्रिया एक साथ काम करने लगेगी ।जय श्री राम अनीता गर्ग
We have full faith in God. We call Ramji and Krishnaji as God but do not believe in God completely. God is the one whom you believe in wholeheartedly. For you, he is your God. We surrender at the feet of Lord Ram. We have to awaken the belief within ourselves that Ram is our God. I don’t know anyone else. I have to worship, pray, pray and praise. So the work has to be done only for Lord Ram. I have to take the name of Lord Ram only. Lord Ram will definitely listen to my cry. I am thinking and meditating on God. My God is watching, He knows everything in the heart. The self-confidence of a devotee says that my God is sitting within me. There is no need to even tell God why I am thinking of God. God knows what is inside me. He resides within me. When the faith within you becomes strong. Then you will not have to search for your God in temples, idols and garlands. You will be connected with your God all the time. Your action sense and knowledge sense will start working together. Jai Shri Ram Anita Garg