निराकार, सर्वशक्तिमान्, न्यायकारी, दयालु, अजन्मा, अनन्त, निविर्कार, अनादि , अनुपम, सर्वाधार, सर्वेश्वर, सर्वव्यापक, सर्वान्तर्यामी, अजर, अमर, अभय, नित्य, पवित्र और सृष्टिकर्ता है।*
उसी एक ब्रह्म की सबको उपासना करनी चाहिए। वही हम सबका पिता व माता है।”*
ईश्वर सच्चिदानन्द स्वरूप,*
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