संसार की कोई भी वस्तु इतनी कीमती नहीं,जितना कीमती वो परमात्मा है।
हम चाहे संसार की कितनी कीमती चीज मांग ले
पर परमात्मा की कीमत का कोई मोल नहीं
वो अनमोल है।
अगर परमात्मा के आगे हमने कुछ और मांगा तो
ये हमारी मुर्खता होगी
क्योंकि
उस अनमोल के आगे हमने संसार की वस्तुओं की कीमत ज्यादा लगा दी
यानि उस वस्तु की कीमत परमात्मा से अधिक महत्वपूर्ण हो गई
जबकि
उस परमात्मा से मनुष्य का जीवन है।
वो अनमोल,उसकी सांसें अनमोल
उसकी धड़कन अनमोल
उससे अनमोल कुछ नहीं
Nothing in the world is so precious as that of God. No matter how precious the world we ask for But the price of God has no value That’s precious. If we asked anything else before God, then it would be our foolishness Because We have put the price of the things of the world in front of that priceless That is, the price of that commodity became more important than God. whereas From that God is the life of man. That’s priceless, her breath’s priceless her heartbeat is priceless nothing more precious than that