POSITIVE ENERGY

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दोनों आंखों को बंद कर लेने से हमारी अस्सी प्रतिशत ऊर्जा क्षीण होने से रुक जाती है,आंखों को धीरे से कभी बंद करके देखो और थोड़ी देर बाद जब आंखें खुलेंगी तो एक ताजगी एक हल्कापन सारे शरीर में महसूस होगा और मन की गति जो बहुत बड़ी हुई थी वो भी अपने आप धीमी हो गई है।जब कोई अपने दोनों बाजुओं को ऊपर उठाकर फैला लेता है और ऊपर आसमान की तरफ चुप चाप देखता है तो सारे अस्तित्व की ऊर्जा उसके फैले हुए हाथों से उसके शरीर में परवेश करनी शुरू हो जाती है।जब कोई किसी के चरणों पर झुकता है और दंडवत उसे प्रणाम करता है तो अपनी सारी नकार्तमिक  ऊर्जा से खाली हो जाता है और अगर सामने वाला उस वक्त उसके शरीर को कहीं भी प्रेम से छू ले तो झुकने वाला साक्रात्मिक ऊर्जा से भर जाता है।जब कोई आंख बंद करके आलती पालती मारके और अपने दोनों हाथों को नाभी के पास एक दूसरे के ऊपर रखकर बैठ जाता है तो उसको ऊर्जा बाहर जानी बंद हो जाती है और ऊर्जा शरीर में हो वर्तुलकर घूमनी शुरू हो जाती है।जब कोई पूरे प्रेम से उसके माथे पर या सिर पर अपना हाथ रख देता है तो उस आदमी को बहुत शांति और आनंद का एहसास होता है।जब हम दोनों हाथ जोड़कर दूसरे को नमस्कार कहते हैं तो उस वक्त हमारा  मस्तिष्क बिलकुल भी बिखरा हुआ नहीं होता संघटित होता है।जब कोई खुलकर नाचता है तो उसका Electromagnetic field(आभामंडल) बहुत ज्यादा फैल जाता है और उसको एक अलग ही तरह की खुशी और शांति का अनुभव होता है क्योंकि अस्तित्व की ऊर्जा भी चलायमान है और नृत में है।किसी को अगर लगता है के उसके शरीर में बहुत ज्यादा नकारात्मक ऊर्जा इक्ट्ठी हो गई है तो चुप चाप आंख बंद करके जमीन पर पेट के बल लेट जाओ और सारे शरीर को ढीला छोड़ दो,थोड़ी देर बाद तुम पाओगे के सारी नकारात्मक ऊर्जा शरीर से निकली जमीन में चली गई है*



By closing both the eyes, eighty percent of our energy stops from getting lost, look at the eyes slowly and after a while when the eyes open, a freshness, a lightness will be felt in the whole body and the speed of the mind which is very big. That too has slowed down on its own. When one raises both of his arms up and looks silently at the sky above, the energy of the whole existence starts entering his body through his outstretched hands. When one bows down at someone’s feet and bows down to him, he gets emptied of all his negative energy and if the person in front touches his body with love at that time, then the bower gets filled with positive energy. When someone closes his eyes and sits on a cross carriage and keeps both his hands on each other near the navel, then the energy stops going out and the energy starts moving in a circular motion in the body. When we put our hand on his forehead or on his head, then that man feels a lot of peace and joy. When we moisten the other with folded hands. Scar says, at that time our brain is not scattered at all, it is organized. When someone dances freely, his electromagnetic field (aura) expands a lot and he feels a different kind of happiness and peace because The energy of existence is also moving and is in the dance. If someone feels that a lot of negative energy has accumulated in his body, then silently lie down on the stomach on the ground with the eyes closed and leave the whole body loose, a little After a while you will find that all the negative energy has gone from the body to the ground.

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