परमात्मा की खोज का मार्ग

परमात्मा की खोज में दो मार्ग हैं: एक तो उनका, जो परमात्मा को सत्य की भांति देखते हैं और एक उनका, जो उसे प्रीतम की भांति देखते हैं। दोनों ही मार्ग सही हैं। दोनों ही मार्ग एक ही मंजिल पर पहुंचाते हैं। लेकिन दोनों मार्गों के ढंग अलग, रंग अलग।

जो परमात्मा की खोज में सत्य की भाषा से सोचता है, उसकी खोज रूखी-सूखी होगी; वहां कोयल नहीं बोलेगी, मैना नहीं चहकेगी, वहां सावन नहीं आएगा, वहां फूल नहीं नाचेंगे, वहां मोर पंख नहीं फैलाएंगे, वहां इंद्रधनुष नहीं होंगे। वहां गीत नहीं होगा, क्योंकि वहां प्रीति नहीं होगी। सूखा-सूखा मरुस्थल जैसा होगा वह मार्ग। मरुस्थल का सन्नाटा होगा वहां।

मरुस्थल का अपना सौंदर्य है, अपनी शांति, अपना मौन; लेकिन इस बगिया की चहचहाहट, ये पक्षियों के गीत, इन सबकी वहां भनक भी सुनाई नहीं पड़ेगी, न गुलाब खिलेंगे, न चंपा, न चमेली, न बेला, न कमल; वहां रंग नहीं होंगे। वहां रास नहीं होगा। वहां बांसुरी नहीं बजेगी। वहां सन्नाटा होगा।

जो परमात्मा को सत्य की भांति देखते हैं, उनका मार्ग ज्ञान का मार्ग है। जो परमात्मा को प्यारे की भांति देखते हैं, उनका मार्ग भक्ति का मार्ग है, और भक्ति का मार्ग ही ऐसा मार्ग है जो जीवन को हरा भरा और संगीतमय बना देता है। ।। हरि मेरे हारिल की लकड़ी ।।



There are two paths in the search of God: one for those who see God as truth and one for those who see Him as beloved. Both ways are correct. Both routes lead to the same destination. But the style and color of both the routes are different.

One who thinks in the language of truth in search of God, his search will be dry; The cuckoo will not sing there, the myna will not chirp there, monsoon will not come there, flowers will not dance there, peacocks will not spread their feathers there, there will be no rainbows there. There will be no song there, because there will be no love there. That road will be like a dry desert. There will be the silence of the desert there.

The desert has its own beauty, its own peace, its own silence; But the chirping of this garden, the songs of the birds, not even a hint of all this will be heard there, neither roses, nor champa, nor jasmine, nor bella, nor lotus will bloom there; There will be no colors there. There will be no taste there. The flute will not play there. There will be silence there.

The path of those who see God as truth is the path of knowledge. The path of those who see God as beloved is the path of devotion, and the path of devotion is the path that makes life green and musical. , Hari is the wood of my Haril.

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