अरे सांवरे तेरे खोए खोए से नैन दिल चीर जाते हैं सांवरे आज तुम्हारे चरणों में समा जाना चाहती हूं ।एक भक्त रात दिन भगवान के भाव में रहता है। भक्त भगवान का हर क्षण बना रहता है। कभी भगवान के नाम का सिमरन करता है कभी कथा करता भजन गाता है। वह जितना भगवान को भजता है दिल में तङफ बढती जाती है। उसका दिल कहता है कैसे मेरे भगवान को भजु, हर क्षण भगवान के चरणो में नतमस्तक रहना चाहता है बाबा हनुमान जी से प्रार्थना करते हुए भाव विभोर हो कहती हूँ कि हे बाबा हनुमान जी महाराज जैसे आपके दिल मे भगवान राम बैठे हैं क्या कभी इस दिल में भी भगवान विराजमान होगें। वह दिल ही दिल में भगवान से सुबह से शाम तक सो सो बार प्रार्थना करती और भगवान को निहारती उसके दिल मे भगवान से मिलन की तङफ बढ जाती है । भक्त कहता है कि हे प्रभु प्राण नाथ मै तेरे द्वार पर पङा हूँ। तुमने हम से क्यों मुह मोङ लिया। मेरे प्रभु भगवान मैं तुम्हारे दर्शन की भीख मांगता हूं ।तुम एक बार मुझे दर्शन से कृतार्थ कर दो। हे प्रभु मै तुम्हारा दास हूं ।मेरी सार सम्भाल तो आपके हाथ में है। मेरे प्रभु तुम मुझे क्यो भुल गए ।आज ये दिल भगवान से मिलन के लिए पल पल कैसे तङफता है इस भाव पर गहरा चिन्तन करना चाहता है। भक्त भगवान को हर क्षण भजना चाहता है। राम राम राम राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम श्री राम श्री राम सांस से भजता है। एक एक क्षण परम पिता परमात्मा श्री हरि का बन जाना चाहता है। वह अपने जीवन को देखता है कि यंहा बाहरी पुजा में पहरेदार खङे है ये तुझे भगवान की भक्ति में डुबकी लगाने नहीं देंगे। जब दिल में प्रीत जगती है तब भक्त उन पहरेदारों से ऊपर उठ जाता है। भगवान ने गृहस्थ धर्म को ऐसा बनाया है कि घर में कार्य चलते रहते हैं जिम्मेदारी निभाते हुए भगवान को बैठ कर भजना बहुत मुश्किल है ऐसे में भक्त अपने भगवान को दिल में बिठा कर अन्तर्मन के नैन प्रभु प्राण नाथ मे लगा कर सब जिम्मेदारी निभाने लगता है भगवान को अन्तर्मन से भजता है।भाव विभोर हो जाता है।जय श्री राम अनीता गर्ग
Hey samvare, tere kho kho kho se nain dil karte hai, samvare I want to be absorbed at your feet today. A devotee lives day and night in the spirit of God. The devotee remains God’s every moment. Sometimes he sings the name of God, sometimes he sings a story and sings hymns. The more he worships God, the more he grows in his heart. His heart says how to worship my God, wants to be bowed down at the feet of God every moment, praying to Baba Hanuman ji, I get emotional and say that O Baba Hanuman ji Maharaj, like Lord Ram is sitting in your heart, has this heart ever been God will be seated in me too. She used to pray to God in her heart from morning till evening and sleep and look at God, in her heart towards meeting with God increases. The devotee says that O Lord Pran Nath, I am at your door. Why did you turn away from us? My Lord God I beg for your darshan. You bless me once with darshan. O Lord, I am your servant. My care is in your hands. My lord, why have you forgotten me. Today this heart wants to meditate deeply on this feeling, how it moves moment by moment to meet God. The devotee wants to worship the Lord every moment. Ram Ram Ram Ram Jai Shri Ram Jai Shri Ram Jai Shri Ram Shri Ram Shri Ram chants with breath. Every moment, the Supreme Father, the Supreme Soul, wants to become of Shri Hari. He sees his life that there are guards standing in the outer worship, they will not let you take a dip in the devotion of God. When love awakens in the heart, then the devotee rises above those guards. God has made the householder religion in such a way that it is very difficult to worship God by sitting in the house while fulfilling the responsibility. Worships God from the innermost heart. The feeling becomes elated. Jai Shri Ram Anita Garg