भगवान से प्रेम करो प्राणी से प्रेम करो। हर स्पर्श में जङ और चेतन में परमात्मा बसा हुआ है। परमात्मा से प्रेम का मार्ग कल्याण का मार्ग है। हम कितनी ही ऊपरी पुजा करे यदि जीवन में सहनशीलता समर्पण भाव सत्यता नहीं है तब तक परमात्मा प्रेम की वर्षा से सरोबर नहीं करते हैं। भक्ति को नित्य जीवन में उतारना प्रेम है। भक्ति मन्दिर जाने से धुप दीप से पुरण नहीं होती है। एक भक्त सब तरह की परिस्थितियों से जुझने के लिए तैयार होता है। सुख और दुख उसे तोड़ नहीं सकते हैं। क्योंकि हर परिस्थिति में भक्त भगवान के साथ है। भगवान की वन्दना के लिए भक्त समय में नहीं बंध सकता है। क्या पता कब किस समय भावो की गहराई में डुब कर प्रभु प्राण नाथ की वन्दना कर लेता है। सब परमात्मा की कृपा दृष्टि पर निर्भर है।
भगवान तु मुझे मेरे मै को भुला दे। हे प्रभु संसार के सम्बन्धों को भुला दे। हे स्वामी काम क्रोध लोभ मोह अंहकार को मै भुल जाऊं बस तुम्हें हृदय में धारण कर लु हे परमात्मा तु मेरा सर्वस्व है। मेरा तो कुछ है ही नहीं सबकुछ प्रभु प्राण तु ही है।
हम एक भगवान पर विस्वास रखे। जो भगवान पर विस्वास करता है वह कहता है कि मेरे मालिक सब कुछ तेरे हाथ में है। तु जो भी करेगा वह मुझे मंजुर है। मै तेरी रजा मे रजामन्द हूं ।भगवान पर विस्वास अपने दिल में विस्वास भरना है। जीवन में परिस्थितियां आती ही रहेंगी हमे हर परिस्थिति को परम पिता परमात्मा को समर्पित कर देना चाहिए। हम भगवान् से जिस चीज की आशा करेंगे वैसा कभी नहीं मिलता है। क्योंकि भगवान बहुत सामर्थ्य वान हैं। वे हमे हमारे विचार से बहुत ऊंचा देते हैं। हमारा दिल उसे समझ नहीं पाता है। हम जितनी अधिक पुजा करेगे चुनौतीया भी उतनी अधिक होगी।मनुष्य जन्म बहुत मुश्किल से मिलता है हमारे जन्म जन्मानतर के पाप राम नाम से कट जाते है जय श्री राम
Love God, love the creature. In every touch, the soul and the conscious God resides. The path of love to God is the path of well-being. No matter how much we worship, if tolerance, surrender, and truth are not there in life, then God does not care about the rain of love. To bring devotion into daily life is love. By going to a devotional temple, incense is not fulfilled by lamps. A devotee is ready to face all kinds of situations. Happiness and sorrow cannot break it. Because in every circumstance the devotee is with the Lord. A devotee cannot be bound in time to worship the Lord. Do you know when and at what time, by drowning in the depths of the emotions, Prabhu Pran Nath worships. Everything depends on the grace of God.
Lord, make me forget my mother. O Lord, forget the relations of the world. Oh lord, let me forget the lust, anger, greed, ego, ego, just by holding you in my heart, oh God, you are my everything. I have nothing, not everything, Lord Prana is you.
Let us believe in one God. He who believes in God says that everything is in your hands, my master. Whatever you do, I agree. I agree to your desire. Trust in God is to fill your heart with faith. Circumstances will keep coming in life, we should dedicate every situation to the Supreme Father, the Supreme Soul. We never get what we expect from God. Because God is very powerful. They give us a lot more than we think. Our heart does not understand him. The more we worship, the more the challenges will be. Human birth is very difficult, our sins of after birth are cut by the name of Ram. Jai Shri Ram