अस्पताल में एक पेशेंट का केस आया ।मरीज बेहद सीरियस था । अस्पताल के मालिक डॉक्टर ने तत्काल खुद जाकर आईसीयू में केस की जांच की।
दो-तीन घंटे के ओपरेशन के बाद डॉक्टर बाहर आया और अपने स्टाफ को कहा कि इस व्यक्ति को किसी प्रकार की कमी या तकलीफ ना हो। और उससे इलाज व दवा के पैसे न लेने के लिए भी कहा ।
मरीज तकरीबन 15 दिन तक मरीज अस्पताल में रहा। जब बिल्कुल ठीक हो गया और उसको डिस्चार्ज करने का दिन आया तो उस मरीज का तकरीबन ढाई लाख रुपये का बिल अस्पताल के मालिक और डॉक्टर की टेबल पर आया।
डॉक्टर ने अपने अकाउंट मैनेजर को बुला करके कहा …”इस व्यक्ति से एक पैसा भी नहीं लेना है। ऐसा करो तुम उस मरीज को लेकर मेरे चेंबर में आओ। “मरीज व्हीलचेयर पर चेंबर में लाया गया। डॉक्टर ने मरीज से पूछा – “भाई ! क्या आप मुझे पहचानते हो?”मरीज ने कहा “लगता तो है कि मैंने आपको कहीं देखा है
डॉक्टर ने कहा …”याद करो, अंदाजन दो साल पहले सूर्यास्त के समय शहर से दूर उस जंगल में तुमने एक गाड़ी ठीक की थी। उस रोज मैं परिवार सहित पिकनिक मनाकर लौट रहा था कि अचानक कार में से धुआं निकलने लगा और गाड़ी बंद हो गई। कार एक तरफ खड़ी कर मैंने चालू करने की कोशिश की, परंतु कार चालू नहीं हुई। अंधेरा थोड़ा-थोड़ा घिरने लगा था। चारों और जंगल और सुनसान था। परिवार के हर सदस्य के चेहरे पर चिंता और भय की लकीरें दिखने लगी थी और सब भगवान से प्रार्थना कर रहे थे कि कोई मदद मिल जाए।
थोड़ी ही देर में चमत्कार हुआ। बाइक के ऊपर तुम आते दिखाई पड़े ।हम सब ने दया की नजर से हाथ ऊंचा करके तुमको रुकने का इशारा किया।
तुमने बाईक खड़ी कर के हमारी परेशानी का कारण पूछा। तुमने कार का बोनट खोलकर चेक किया और कुछ ही क्षणों में कार चालू कर दी।
हम सबके चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई। हमको ऐसा लगा कि जैसे भगवान ने आपको हमारे पास भेजा है क्योंकि उस सुनसान जंगल में रात गुजारने के ख्याल मात्र से ही हमारे रोगंटे खड़े हो रहे थे।
तुमने मुझे बताया था कि तुम एक गैराज चलाते हो
मैंने आपका आभार जताते हुए कहा था कि रुपए पास होते हुए भी ऐसी मुश्किल समय में मदद नहीं मिलती
तुमने ऐसे कठिन समय में हमारी मदद की, इस मदद की कोई कीमत नहीं है, यह अमूल्य है परंतु फिर भी मैं पूछना चाहता हूँ कि आपको कितने पैसे दूं
उस समय तुमने मेरे आगे हाथ जोड़कर जो शब्द कहे थे, वह शब्द मेरे जीवन की प्रेरणा बन गये हैं “तुमने कहा था कि “मेरा नियम और सिद्धांत है कि मैं मुश्किल में पड़े व्यक्ति की मदद के बदले कभी कुछ नहीं लेता।
मेरी इस मजदूरी का हिसाब भगवान् रखते हैं। “उसी दिन मैंने सोचा कि जब एक सामान्य आय का व्यक्ति इस प्रकार के उच्च विचार रख सकता है, और उनका संकल्प पूर्वक पालन कर सकता है, तो मैं क्यों नहीं कर सकता। और मैंने भी अपने जीवन में यही संकल्प ले लिया है। दो साल हो गए है, मुझे कभी कोई कमी नहीं पड़ी, अपेक्षा पहले से भी अधिक मिल रहा है।
यह अस्पताल मेरा है। तुम यहां मेरे मेहमान हो और तुम्हारे ही बताए हुए नियम के अनुसार मैं तुमसे कुछ भी नहीं ले सकता।
ये तो भगवान् की कृपा है कि उसने मुझे ऐसी प्रेरणा देने वाले व्यक्ति की सेवा करने का मौका मुझे दिया। “ऊपर वाले ने तुम्हारी मजदूरी का हिसाब रखा और वो हिसाब आज उसने चुका दिया। मेरी मजदूरी का हिसाब भी ऊपर वाला रखेगा और कभी जब मुझे जरूरत होगी, वो जरूर चुका देगा।
डॉक्टर ने मरीज से कहा ….”तुम आराम से घर जाओ, और कभी भी कोई तकलीफ हो तो बिना संकोच के मेरे पास आ सकते हो। “मरीज ने जाते हुए चेंबर में रखी भगवान् कृष्ण की तस्वीर के सामने हाथ जोड़कर कहा कि….”हे प्रभु ! आपने आज मेरे कर्म का पूरा हिसाब ब्याज समेत चुका दिया।
सदैव याद रखें कि आपके द्वारा किये गए कर्म आपके पास लौट कर आते है । और वो भी ब्याज समेत
वर्तमान में कठिन समय चल रहा है ।जितना हो सकता है लोगों की मदद करें । आपका हिसाब ब्याज समेत वापस आएगा ।
After two-three hours of operation, the doctor came out and told his staff that this person should not have any kind of deficiency or problem. And also asked him not to take money for treatment and medicine.
The patient remained in the hospital for about 15 days. When he was completely cured and the day came for his discharge, the bill of about 2.5 lakh rupees of that patient came on the table of the owner and doctor of the hospital.
The doctor called his account manager and said…”Do not take a single penny from this person. Do this, you come to my chamber with that patient.” The patient was brought to the chamber in a wheelchair. The doctor asked the patient – “Brother! Do you recognize me?” The patient said “I think I have seen you somewhere
The doctor said…”Remember, two years ago you had repaired a car in that forest away from the city at sunset. That day I was returning from a picnic with my family that suddenly smoke started coming out of the car and the car Stopped. I tried to start the car by parked aside, but the car did not start. Darkness was starting to fall a little. The forest was all around and deserted. The faces of every member of the family showed lines of worry and fear. And everyone was praying to God to get some help.
In no time a miracle happened. You were seen coming on top of the bike. We all raised our hands with kindness and signaled you to stop.
You parked the bike and asked the reason for our trouble. You checked by opening the bonnet of the car and within a few moments the car started.
A wave of happiness ran across all of our faces. We felt as if God had sent you to us because the thought of spending the night in that deserted forest was making us sick.
you told me you run a garage
I thanked you and said that even after passing the money, it does not help in such difficult times.
You helped us in such difficult times, this help has no cost, it is priceless but still I want to ask how much money should I give to you
At that time the words that you said with folded hands in front of me, those words have become the inspiration of my life “You said that ” my rule and principle is that I never take anything in return for the help of a person in trouble. This wage of mine God keeps the account. “The same day I thought that when a person of normal income can have such high thoughts, and follow them with determination, then why can’t I. And I have also taken the same resolution in my life. Two It’s been years, I’ve never had any shortage, I’m getting more than ever before.
This hospital is mine. You are my guest here and I cannot take anything from you according to your own rules.
It is God’s grace that he has given me this opportunity to serve the person who inspires me. “The one above kept the account of your wages and he paid that account today. The one above will also keep the account of my wages and whenever I need it, he will definitely pay it.
The doctor said to the patient…. “You go home comfortably, and whenever there is any problem, you can come to me without hesitation.” The patient, while leaving, said with folded hands in front of the picture of Lord Krishna kept in the chamber. ….” Oh Lord! You have paid the full account of my work with interest today.
Always remember that the karma you have done comes back to you. and that too with interest
It’s going to be a tough time right now. Help people as much as you can. Your account will come back with interest.