गोपी प्रेम

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भगवान ने गोपी प्रेम के माध्यम से मानव जाति को प्रेम का सन्देश कितने मनोभाव से प्रकट किया है और हम है कि उस प्रेम को समझ ही नहीं पाये हैं। भगवान हमे सन्देश दे रहे हैं कि अ प्राणी तुझमे यदि मेरे प्रति सच्चा प्रेम होगा तो तुझे मुझे ढुंढने के लिए कहीं और जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी मै तेरे अन्दर बैठा हूं ।तु मुझे देखना चाहेगा तो तेरे हर भाव में मै दिखाई दुंगा। मै बाहरी दिपक से रिझता नहीं दिल के दिपक से कोई मुझे खोजता है मै उसके सामने हाजिर खङा रहता हूं। जिसकी निगाहों में भगवान समा जाते हैं उसे ही कण कण में प्रभु प्राण नाथ के दर्शन होते हैं।जय श्री राम अनीता गर्ग



God has revealed the message of love to mankind through gopi love with so much emotion and we have not been able to understand that love. God is giving us a message that if you have true love for me, a creature, then you will not need to go anywhere else to find me, I am sitting inside you. If you want to see me, then I will be seen in your every gesture. I do not shy away from the outer lamp, someone searches for me with the light of the heart, I stand in front of him. In whose eyes God is absorbed, only he gets the vision of Prabhu Pran Nath in every particle.Jai Shri Ram Anita Garg

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