अरे सांवरे तुझे तो छुपना भी नहीं आया। तु छुप तो गया पर कर्म की चाबी हमे देकर चला गया। अरे सांवरे तु बता कर्म की चाबी से कोन कोन सा ताला खुलता है।
अरे सावरे तु तो कर्म मार्ग से दिल में बैठता है।मै पागल हुई तुझे ढुढते ढुढते। तु छुप बैठा है दिल में।
कोई यु ही सांवरे को नहीं पुकारता है। सांवरा दिल में छुपकर बैठ जाता है। नैनो में नींद समाती है तब सांवरा सम्भाल करता है ।
सांवरे तुम्हारा ये चरण भक्त के हृदय में सैदव विराजमान रहता है। भक्त चरणों को पकड़ कर बैठा रहता है। इसीलिए ये चरण तिरछा दिखता है।
भगवान को हमे भजना है और आगे का कार्य परमात्मा पर छोड़ दें । हमारे अन्दर एक विस्वास सैदव जागृत रहे कि मै जिस रूप में जिस नाम से परमात्मा को भजता हूं। वहीं पुरण ब्रह्म परमेशवर है ।वह सर्वशक्तिमान सत्य प्रतीज्ञ दया का निधान है। वह परमात्मा सब रूपों में निवास करता है।
वह परम तत्व परमात्मा हमारे दिल में आंखों में विराजते हैं। जब हम थोड़े शरीर से strong होते हैं तब हम भगवान के भावो से खेलते हैं। जब कमजोर पङते है तब तङफ जागृत हो जाती है। परमात्मा के नाम में प्रभु प्राण नाथ का प्रेम छुपा हुआ है। हम भगवान् को भजते रहे निहारते रहे ।
मेरे भगवान दिपक और आरती से तु प्रसन्न हो जाता तो भक्त जन तेरे द्वार पर दौड़ कर नही आते हैं। तु खङा खङा भक्तो से बातें करता। तु है करामाती बङा ।साँवरे अनेक रूपों में खङा हुआ सबसे बात करता है।
और भक्तो के दिल में तृप्ति भरता है।जय श्री राम अनीता गर्ग
Oh dusk, you didn’t even know how to hide. You hid but went away by giving us the key to karma. Oh well, tell me which lock opens with the key of karma. Hey morning, you sit in the heart by the path of karma. You are hiding in the heart.
No one calls you the sun itself. Sawara sits hiding in the heart. When Nano sleeps, Saawara takes care of it. This evening of yours always resides in the heart of the devotee. The devotee sits holding the feet. That’s why this phase looks oblique. We have to worship God and leave the further work to God. A belief should always be awakened in us that in the form by which I worship God. At the same time, Puran Brahm is the Supreme Lord. He is the abode of the Almighty Truth-Promised Mercy. That God resides in all forms. That supreme element, the Supreme Soul, resides in our hearts, in the eyes. When we are strong with little body then we play with the expressions of God. When you are weak, you get awakened. The love of Prabhu Pran Nath is hidden in the name of the Supreme Soul. We kept on worshiping God. If you would have been pleased with my Lord Deepak and Aarti, then the devotees would not come running to your door. You stand and talk to the devotees. You are the enchanting big. And fills the heart of the devotees. Jai Shri Ram Anita Garg