आजा लौट के साई याद तेरी आई कहा गये साई,
मनवा बोले साई साई आजा मोरे साई,
सुना लागे अब द्वारका माई साई राम,
ये कैसी जुदाई हम बच्चो की याद क्यों न आई हे साई राम,
साई बिन वीरान है शिरडी नगरियां तुम बिन लेगा कौन बच्चो की खबरिया,
सुना सुना लागे आज मोहे गुरु स्थान साई की चावड़ी पड़ी है वीरान,
देदे विक्शा माई कहते थे साई लीला रचाई,
मनवा बोले साई साई आजा मोरे साई,
सुना लागे अब द्वारका माई साई राम,
जिस पत्थर पे तुम विराजे वो भी बोले साई,
शिरडी की पावन भूमि वोले साई साई,
नदी गोदावरी का तट भी बोले साई,
तेरे चूले चकी बोले कहा गये साई,
शिरडी में धुनि रमाई तुमने बाबा साई,
ज्ञान ज्योत जलाई.
मनवा बोले साई साई आजा मोरे साई,
सुना लागे अब द्वारका माई साई राम,
Aaja lut ke sai yaad teri aai ke jaye sai,
Manwa said sai sai aaja more sai,
Hear now Dwarka Mai Sai Ram,
Why didn’t we remember this separation, O Sai Ram,
Sai bin is deserted, Shirdi cities are you bin Laga, who will take the news of the children,
Hear heard that today Mohe Guru place Sai’s chavadi is lying deserted,
Dede Viksha Mai used to say that Sai Leela was created,
Manwa said sai sai aaja more sai,
Hear now Dwarka Mai Sai Ram,
The stone on which you sit also said Sai,
Wole Sai Sai, the holy land of Shirdi,
Sai also said on the banks of river Godavari,
Your chule chaki said Sai said,
You have sung in Shirdi, Baba Sai,
The flame of knowledge was lit.
Manwa said sai sai aaja more sai,
Hear now Dwarka Mai Sai Ram,