आया हु तेरे दर पे एह श्याम खाटू वाले,
हारा हुआ हु जग से चरणों में मुझको बिठा ले,
आया हु तेरे दर पे…….
दुनिया की भीड़ में तो जीना हुआ है मुश्किल,
रस्ते में ठोकरे थी मुझको मिली न मंजिल,
अब तो ये ज़िंदगानी कर दी तेरे हवाले,
हारा हुआ हु जग से चरणों में मुझको बिठा ले,
आया हु तेरे दर पे…….
बाबा मैं सत्य पथ पे चलता रहा अकेले,
लेकिन मिले मुझे तो झूठे ये जग के मेले,
सत्संग की अगन में मुझको भी तू तपा ले,
हारा हुआ हु जग से चरणों में मुझको बिठा ले,
आया हु तेरे दर पे…….
जो भी कदम बड़ाऊ माया पुकार ती है,
भटके नहीं कभी वो जिनका तू सारथि है,
चोखानी चाहे सेवा चाकर मुझे बना ले\,
हारा हुआ हु जग से चरणों में मुझको बिठा ले,
आया हु तेरे दर पे…….
I have come at your door, eh shyam khatu wale,
I am a loser, make me sit at the feet of the world,
I have come at your rate…….
It is difficult to live in the crowd of the world,
I stumbled on the way, I did not get the destination,
Now this life has been handed over to you,
I am a loser, make me sit at the feet of the world,
I have come at your rate…….
Baba, I kept walking on the path of truth alone,
But if I get false, this world’s fair,
In the fire of satsang, you should burn me too.
I am a loser, make me sit at the feet of the world,
I have come at your rate…….
Whatever step maya calls,
Never stray those whose charioteer you are,
Chokhani may make me by doing service,
I am a loser, make me sit at the feet of the world,
I have come at your rate…….