अब न प्यारे वकत है आराम का ,
आ गया लो मेला मेरे श्याम का,
श्याम ध्वजा जो लहराई प्रेमी सारे झूम उठे,
श्याम तरंग एसी छाई की सब खाटू की और चले,
मौसम है ये चंग और धमाल का,
आ गया लो मेला मेरे श्याम का……
ठंडी पवन चली फागन की रुत आई है,
लगदा है बाबुल के घर से चिठ्ठी आई है,
आता है सपना भी अब तो खाटू धाम का,
आ गया लो मेला मेरे श्याम का…..
मेले पर मेरा संवारा जीभर प्रेम लुटा ता है,
लुट लो जितन जी चाहे ये मौका कब आता है,
चड़ने लगा है राज नशा श्याम नाम का,
आ गया लो मेला मेरे श्याम का…..
Now is not the time of love, it is time for rest,
My Shyam’s fair has come,
The lovers who waved the black flag, all jumped,
Shyam Tarang AC shadowed everything and went towards Khatu,
This is the season of change and glory,
Come, take the fair of my shyam……
The cold wind blows, the path of Phangan has come,
Looks like a letter has come from Babylon’s house,
Now comes the dream of Khatu Dham,
Come, take the fair of my shyam…..
My love is spent at the fair,
Loot as much as you want, when this opportunity comes,
Raj’s intoxication named Shyam has started rising,
Come, take the fair of my shyam…..