हे जगदम्बा जगत तारनी अम्बा मात भवानी
अपनी शरण में लेलो मैया मैं मुर्ख अज्ञानी
बोलो जय माता जय माता शेरावाली की
एह संतोष भरे जीवन को सुख संतोष दिलाना
चाहे थोडा ध्यान ही देना दुःख तकलीफ न देना
तुम से पार लगे गी नैया ये है हमने जानी
अपनी शरण में लेलो मैया मैं मुर्ख अज्ञानी
बोलो जय माता जय माता शेरावाली की
भाव दियां तो भगती जगा कर प्र्माथर का धर्म बताना
अपना बन कर रहू सभी का एसी भुधि विवेक दिलाना
छमा दया तप त्याग मनोहर देना माता रानी
अपनी शरण में लेलो मैया मैं मुर्ख अज्ञानी
बोलो जय माता जय माता शेरावाली की
Hey Jagadamba Jagat Tarani Amba Mat Bhavani
Take refuge in your mind, I fool the ignorant
Say Jai Mata Jai Mata Sherawali Ki
eh contented life to bring happiness and satisfaction
Whether to pay little attention, not to hurt
This is what we have known about you
Take refuge in your mind, I fool the ignorant
Say Jai Mata Jai Mata Sherawali Ki
If given the feeling, then awaken the Bhagti and tell the religion of Pramathar
Be my own and give everyone’s ac-knowledge
Chhama mercy, renunciation of penance, Manohar Dena Mata Rani
Take refuge in your mind, I fool the ignorant
Say Jai Mata Jai Mata Sherawali Ki