बच्चे मन के सच्चे सारी जग के आँख के तारे,
ये वो नन्हे फूल हैं जो भगवान को लगते प्यारे,
खुद रूठे, खुद मन जाये, फिर हमजोली बन जाये,
झगड़ा जिसके साथ करें,अगले ही पल फिर बात करें.
इनकी किसी से बैर नहीं, इनके लिये कोई ग़ैर नहीं,
इनका भोलापन मिलता है,
सबको बाँह पसारे बच्चे मन के सच्चे …
इन्सान जब तक बच्चा है, तब तक समझ का सच्चा है,
यु यु उसकी उमर बढ़े,मन पर झूठ क मैल चढ़े,
क्रोध बढ़े, नफ़रत घेरे, लालच की आदत घेरे,
बचपन इन पापों से हटकर अपनी उमर गुज़ारे,
बच्चे मन के सच्चे …
तन कोमल मन सुन्दर हैं बच्चे बड़ों से बेहतर है.
इनमें छूत और छात नहीं, झूठी जात और पात नहीं,
भाषा की तक़रार नहीं,मज़हब की दीवार नहीं,
इनकी नज़रों में एक हैं, मन्दिर मस्जिद गुरुद्वारे
बच्चे मन के सच्चे …
Children are the true stars of the whole world’s eyes,
These are those little flowers which are dear to God.
Get angry yourself, think for yourself, then become humjoli,
With whom you quarrel, talk again in the next moment.
There is no hatred for them, there is no hatred for them,
their innocence,
The children spread their arms are true to the heart…
As long as a man is a child, he is true to understanding.
Yu Yu, his age increased, the mind was covered with lies,
Anger increases, hatred surrounds, greed surrounds the habit,
Childhood spends its life away from these sins,
Children are true to heart…
Body, soft mind are beautiful, children are better than elders.
In this there is no contagion and no roof, no false caste and caste,
No language dispute, no wall of religion,
One is in their eyes, Mandir Masjid, Gurudwara
Children are true to heart…