बैठ रही हवेली के खोल के किवार बेदर्दी दगा दइके चले गए
मोहन जाय द्वारक छाये
कोन सौत संग प्रीत लगाये
नैनन से बह रही अंसुअन की धार
बेदर्दी दगा दइके चले गए
याद सताये मोहे वंसीवट की
वंसीवट की हा यमुना तट की
बंसी सुनत भयो जिया बेकरार बेदर्दी दगा दइके चले गए
लूट लूट दही खाये सावरिया
बारी हती जबसे लड़ गयी नजरिया
छलिया कन्हैया से कर बैठी प्यार बेदर्दी दगा दइके चले गए
कैसे धीरज धारूं तन में
ढूढत फिरूं स्याम को वन में
बिंदु सखी कान्हा गए जादू सो डार बेदर्दी दगा दइके चले गए
Yogesh Tiwary
The doors of the mansion’s shell that were sitting were ruthlessly blown away
Mohan Jay Dwarak Chhaye
What kind of love does it take?
Ansuan’s torrent flowing through Nainan
The cruelty went away
Remembering Mohe Vansiwat
Vansiwat ki ha yamuna bank ki
Bansi Sunat Bhayo Jiya desperately went away with cruelty
Loot loot curd khaye saawariya
Ever since the turn had to be fought the attitude
Chaliya sat in love with Kanhaiya and went away with cruelty
how to be patient
Searching for Siam in the forest
Bindu sakhi went to Kanha, so he went to the dark side.
Yogesh Tiwary