भाद्रिनाथ जय जय भाद्रिनाथ,
भक्ति भजन में चित रमे तो समय की किस को ध्यान,
दिन कट जाएँ पलों के सामान ।
भज मन नारायण नारायण नारायण, भाद्रिनारायण नारायण नारायण ।
जिस ने दिया यह जीवन, उस प्रभु का करले सुमिरन,
तेरी अधूरी आशा इसी द्वारे पे होगी पूरण ।
भाद्रिनाथ के चरणों में अर्पण कर दे मन और प्राण ॥
बन कर राम पधारे, कभी बन गए कृष्ण मुरारी,
जन हित नारायण ने सदा अलग अलग छबी धारी ।
जब जब भीड़ पड़ी भगतों पर, प्रगटे दया निधान ॥
तुलसी सूर कबीर और दर्श दीवानी मीरा,
भक्ति भजन में खो के वो तो पा गए मुक्ति का हीरा ।
नाम प्रभु का सार जगत में, कह गए संत महान ॥स्वरमोहम्मद रफ़ी
Bhadrinath Jai Jai Bhadrinath,
If you keep your mind in devotional hymns, then who cares about the time,
Days pass away like moments.
Bhaj Mana Narayan Narayan Narayan, Bhadrinarayan Narayan Narayan.
Whoever gave this life, praise the Lord,
Your unfulfilled hope will be fulfilled through this.
Offer your mind and life at the feet of Bhadrinath.
Ram came by becoming, once became Krishna Murari,
Janhit Narayan always carried a different image.
Whenever the crowd fell on the devotees, expressed mercy.
Tulsi Soor Kabir and Dars Deewani Meera,
By getting lost in devotional hymns, they found the diamond of salvation.
The essence of the name of the Lord in the world, the great saint said, ‘Swar Mohammad Rafi’