बिना तुम्हारे कौन उबारे भटकी नाव हमारी किनारा खो गया है,
तुम्ही रैया तुम्ही खिवैयाँ किनारा खो गया है,
तारण तरिया तुम हो तुम ही हमारी पतवार हो,
इस अँध्यारे में तुम ही जीवन के आधार हो,
कभी डरावे जीवन हमको कभी मौत मतवारी किनारा खो गया है,
बिना तुम्हारे कौन उबारे……..
जाये कहा मैं तोहे हम को संभालो संसार में,
आशा निराशा की है बहुत से हिलोरे मझधार में,
किसे सुनाये किसे बताये रख लो लाज हमारी, किनारा खो गया है,
बिना तुम्हारे कौन उबारे……..
जाने कहा कर वाइये ले जा हम को वहाव में,
ओ मुक्ति दाता तुम तो आकर विराजो अब तो नाव में,
तुम्हे पुकारे भक्त तुम्हारे जो है बात तुम्हारी, किनारा खो गया है,
बिना तुम्हारे कौन उबारे……..
मोह माया छूटा नहीं ईर्षा ने हम को है गेर लिया,
अपना पराया कब से देश का मन में धार लिया,
इस बंधन से कौन छुड़ाए पकड़ो बाह हमारी,किनारा खो गया है,
बिना तुम्हारे कौन उबारे……..
Without you, who’s sailing boat has lost our shore,
You have lost the edge of your eyes,
You are our helm,
You are the basis of life in this darkness,
Sometimes we have a scary life, sometimes we have lost the edge of death,
Who will get out without you…….
Go where I am, take care of us in the world,
Hope is of despair in the midst of many upheavals,
Tell whom to tell, keep our shame, the edge is lost,
Who will get out without you…….
Where do you go and take us to the road,
O Liberator, you have come and sit now in the boat,
Calling you devotees, whatever is your matter, the edge is lost,
Who will get out without you…….
Maya is not lost, jealousy has betrayed us,
Since when did you take your alien in the mind of the country?
Who will get rid of this bondage, hold our arm, the edge is lost,
Who will get out without you…….