बोल रे सुबह सुबह मीठी मीठी वाणी
लेले रे मुख से नाम राम का प्राणी
दो आखर का नाम यह कहते सुनते सुहाय
जिव्हा जब राम कहे दे कानों को सुनाय
निर्मल छवि राम की सदा नैनों में समाय
दृष्टि नैनों से पड़े और देख मन इतराय
पग लगाते जब जब भी राम धाम का फेरा
मिट जाते संताप दिलों के मिटता तम घनेरा
कर जपते हैं जब राम नाम की माला
तब ह्रदय जगती है भक्ति भाव की ज्वाला
राम नाम की धुन होती सदा कल्याणी
लेले रे मुख से नाम राम का प्राणी
बोल रे सुबह सुबह मीठी मीठी वाणी
बोल रे मुख से नाम राम का प्राणी
Bol re morning sweet sweet voice
Lele re mouth to name Ram’s creature
It is nice to hear the names of two akhars being said.
Listen to your ears when Ram says
The serene image of Ram is always in the nano
The eyes fell from the eyes and the mind stopped seeing
Whenever you walk around Ram Dham
The anger of the hearts fades away
When the rosary of Ram’s name is chanted
Then the heart ignites the flame of devotion
Kalyani was always the tune of Ram’s name.
Lele re mouth to name Ram’s creature
Bol re morning sweet sweet voice
Bol Re Mukh Se Naam Ram’s Creature