बोलो साईं का एक तारा तुनक तुनक तुनक तुन,
का ध्यान है मन में तेरा जरा ले सुन सुन सुन
क्यों संकट से गबराए शिर्डी दर क्यों नही आये,
समज ले धुन धुन धुन…..
उपर वाला वहा पे बेठा है रे बनके जोगी,
वाहा पे जाते है दुनिया के सारे मन के रोगी,
सब छोड़ के दुःख के कांटे खुशियों के फूल उठाते,
ले तू भी चुन चुन चुन….
उसका दर है इसा कोई संकट वाहा न ठहरे,
चारो दिशायो में उसके तो आँखों के है पहरे,
सब छोड़ के दुनिया दारी बस आजा तू एक वारी,
ले राहे चुन चुन चुन…
साईं जी का एक तारा कब से तुझसे बोले,
अपनी किस्मत खोल वाहा वो सबकी किस्मत खोले,
नही उस जैसा कोई दानी ये बात सभी ने मानी,
तू सपने भुन भुन भुन….
Tell Sai’s a star Tunak Tunak Tunak Tun,
Take care of your mind, listen, listen, listen
Why didn’t you come to Shirdi due to the crisis?
Sum le dhun dhun dhun…..
The one above is sitting there, who has become a jogi,
The sick of all the minds of the world go there,
Leaving everything, the thorns of sorrow pick up the flowers of happiness,
Take it too, choose it and choose it….
Its rate is so that no trouble should be there,
He has eyes in all four directions,
Leaving all the world, just come, you are a wary,
Take it, choose it, choose it…
Since when did a star of Sai ji speak to you,
Open your luck, he opens everyone’s luck,
No one like him, everyone accepted this thing.
You roast your dreams.