चाहे रूठे सब संसार मगर मेरा श्याम नहीं रूठे,
मेरी सांसे थम जाये मगर विस्वाश नहीं टूटे,
अफ़सोस मुझे उस पल का जब घोर अँधेरा छाया था,
मेरी आंखे रो कर हारी कोई नजदीक न आया था,
झुठे सब रिश्ते दार मगर मेरो श्याम नहीं रूठे,
चाहे रूठे सब संसार मगर मेरा श्याम नहीं रूठे,
मझधार में थी दरकार मुझे जाना था भव से पार मुझे,
अपनों ने नजरे फेरी थी बाबा का मिला तब प्यार मुझे,
चाहे डुभु अब मझधार मगर मेरो श्याम नहीं रूठे,
चाहे रूठे सब संसार मगर मेरा श्याम नहीं रूठे,
बिना मांगे झोली भरता है मेरी दिल की बात समझता है,
सोनी जब श्याम को याद करू ये दौड़ा दौड़ा आता है,
चाहे कर दे सब इंकार मगर मेरा श्याम नहीं रूठे,
चाहे रूठे सब संसार मगर मेरा श्याम नहीं रूठे,
May all the world become angry but my shyam is not angry,
May my breath stop but my faith is not broken,
I feel sorry for the moment when there was great darkness,
I lost my eyes crying no one came near,
All the relatives are false, but my shyam is not angry,
May all the world become angry but my shyam is not angry,
I needed to go in the middle, I had to go beyond the world,
My loved ones had turned their eyes when I got Baba’s love,
Even though Dubhu is now middle, but my shyam is not angry,
May all the world become angry but my shyam is not angry,
Fills my bag without asking, understands my heart,
Soni, when I remember Shyam, he runs away,
Even if I refuse everything, but my shyam does not get angry,
May all the world become angry but my shyam is not angry,